मैं हिंदुस्तान हूँ
मेरी सभ्यता दुनिया की सबसे तीसरी पुरानी सभ्यता है
मुझसे पहले भी दो सभ्यता हुई
फिर भी मैं उनमे से खास हूँ
हाँ मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं खास क्यों हूँ क्योकि
वो दो सभ्यताओं का संगम मैं ही तो हूँ
मैं कई सभ्यताओं और संस्कृतियों का रूप हूँ
हाँ मैं हिंदुस्तान हूँ
अगर रंग देखने है तुझे सभी सभ्यताओं और संस्कृतियों के
तो आ मुझे देख मैं महासंगम हूँ
हिंदी मेरी माँ है तो उर्दू मेरी मौसी है
इन्ही दोनों के आंगन में पला बढ़ा आज नौजवान हूँ
आ देख मैं हिंदुस्तान हूँ
कुछ लोग कह देते है उर्दू बाहर की जबानी है
मैं अभी कुछ अपने न समझ औलाद से परेशान हूँ
मैं कई संस्कृतियों का संगम हूँ
इसलिए मुझमे उथल पुथल भी तो है
लेकिन तू वहा देख रहा है जहा संगम है
तू आगे तो बढ़ा ही नही जहा शांत विरल है
हाँ मैं हिंदुस्तान हूँ
आओ तुम्हे दिखाता हूँ सच का आईना
देखना कही तुम अपने ही सच से न डर जाना
सबसे पहले मैं आता हूँ उस शब्द पर
जिसका दुरुपयोग दोनों ही आँगन के लोगो ने किया है
आगे जारी है……………………
इसकी पूरी सीरीज देश भर में अलग अलग जगहों पर हिंसा में मारे गए सभी लोगो और उनके परिवार को समर्पित।
हाँ मैं हिंदुस्तान हूँ यह सिर्फ एक कविता नही है यह मेरे दिल मे अब तक बनी हिंदुस्तान की सबसे खूबसूरत छवि भी है साथ ही उसकी तस्वीर कुछ उपद्रवियों की वजह से कही कहीं पे धुंधली सी हो गयी है। लेकिन इन सभी के बावजूद मेरे लिए अब भी हिंदुस्तान खूबसूरत है उम्मीद है मैं वैसी ही तस्वीर अपने कविता में उकेर पाऊँ जैसा मैंने उसे देखा है पर। यह शायद ही संभव है।
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© 2017 Md. Danish Ansari
Bahut khoob.
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ji sukriya Aquib bhai
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Bahut khoob
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bahut hi khubshurti se warnan kiyaa hai …..bahut khub…..
हाँ मैं हिंदुस्तान हूँ
आओ तुम्हे दिखाता हूँ सच का आईना
देखना कही तुम अपने ही सच से न डर जाना
सबसे पहले मैं आता हूँ उस शब्द पर
जिसका दुरुपयोग दोनों ही आँगन के लोगो ने किया है
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बहुत अच्छे
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dhanyawad
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Bhaijaan appko Maine versatile Blogger award ke liye nominate kiya h, check my post. Plz
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mujhe to abhi tak nahi pata ki award wala option kaha hai aksar main ap logo ke blog par award nomination dekhta par mujhe pata hi nahi hai mujhe bhi batana bhai kaha se hota hai kaise hota hai
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Kuch nahi bhai, recognizition h, rules h, nominate Karo apne man se, bus. Cooperation you know.
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wahi to janna hai kaha se or kaise
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आपकी ये कविता हिंदू मुस्लिम सीख ईसाई चारों धर्म का संगम है। मेरा मन तो पढकर बाग – बाग हो गया मैं आपकी कविता शेयर भी करने जा रही हूँ।
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mujhe bahut khushi hui ki maine itni to savdhani barti hai ki kisi ki bhawna aahat nahi hui or
ha post share karne ke liye dhanyawad
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ये शायद ही सम्भव नहीं 100%होगा।लेकिन कोशिश और पहल तो हम लोगों को ही करना पडेगा।
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beshaq
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