कुछ बाते कहना चाहता हूँ कुछ बाते सुनना चाहता हूँ
कुछ शिकायत करना चाहता हूँ कुछ शिकायत सुनना चाहता हूँ
देखो कितनी सुहानी शाम है काश तुम यहाँ होती
ये खूबसूरत शाम और भी खूबसूरत होती जो तुम यहाँ होती
इस भरी गर्मी में जोरदार बारिश का असर तो देखो
कितना सुकून दे रहा है मुझको
ये जोरदार आंधियों का सफर तो देखो अंदर से झकझोर रहा है मुझको
ये सुकून मुझे कैसे मिल रहा है मेरे दिल को जो अब तक बेचैन था
कहीं तुमने फ़िज़ा में हांथ उठा कर आज सलाम तो पेश नही किया था
न जाने मुझे क्यो आज ये महसूस होता है तुमने मुझे सलाम भेजा है
मेरा सलाम तो तुझे हर वक़्त मिलता है सोचती हो कैसे
भूल गयी वो मेरे अटूट विश्वास का तौफा जो अब भी तेरे घर की खिड़की पे टंगा है
तुम्हे मेरी याद आती है या नही क्योकि खत तुमने लिखे नही एक भी
क्या हमारे दरमियां इतनी दूरियां है कि एक खत हमे जोड़ नही सकता
वैसे तो तू हर दम मेरे साथ मेरे आस पास एहसास बनकर
फिर भी मुझे उम्मीद थी कि जब तुम चले जाओगे मेरे शहर से
किसी और शहर को तो चाहे मैं खुद को भुल जाऊँ तू मुझे याद रखेगी
क्या तुम मुझे भूल चुकी हो या कोई मजबूरी है जिसे तुम कहना नही चाहती
अगर कोई मजबूरी है तो पहले की तरह मुझ पर यकीन करो
मैं ही तो था जो तुम्हारे हर मुश्किल में साथ रहा हमेशा
मैं ही तो था जो तेरे हर मुश्किलात का हल ढूंढ लाता था
अब भी तुम्हारे साथ हूँ अब भी तुम्हारी मुश्किलों के हल ढूंढ सकता हूँ
तुम्हे मुझ पर पहले वैसा ही विश्वास करना होगा जैसा पहले किया था
मैं यहाँ तुम्हारे इंतेज़ार में हूँ तुम्हारे जवाब के इंतेज़ार में हूँ
भूलना मत मैं तुम्हारे साथ मे हूँ तुम्हारे साथ मे हूँ तुम्हारे आस पास में हूँ
सोचा था आज दिल खोलके शिकायत करूंगा तुमसे
आज भी शिकायत का दौर न चला बस तुम्हारे खयाल से ही
मेरे सभी ख्वाहिशात अपने रंग बदल लेते है गुस्सा होना चाहता हूँ
देखो प्यार जता रहा हूँ शिकायत करना चाहता हूँ पर शिकायत सुन रहा हूँ
तुम्हारे साथ कुछ ऐसा रिस्ता ही रहा है खासमखास की क्या कहूँ
बस यूँ समझ लो एक मोती की माला है तुम मोती हो मैं डोर हूँ
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उससे बाते करने को आज बहुत दिल चाहा इस लिए अपनी मजबूरियों को समेटते हुए अपनी ख्वाहिशात को यहाँ लिख डाला इस उम्मीद में के वो पढ़ ले और इसका जवाब मेरे ख्वाबो में आ कर दे दे।
© Md. Danish Ansari
कुछ अनकही बातें आपने बहुत ही अच्छा लिखा है। बस ये समझ लो मोती की माला – – – – – – – – – – – – – – – – तुम मोती मैं डोर हूँ। बहुत ही अच्छा उपमाए दिया है
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ji sukriya rajni ji
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Bahut khub…..
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sukriya Madhusudan ji
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Wow…☺☺☺
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hmmm
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बहुत खूब. जवाब ज़रूर आयेगा. all the best .
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THANK U
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