यूँ तो मैक़दे से कभी हम गुजरा नही करते
मगर तेरी मोहब्बत ने ये भी भूल करा दी
कभी जो जमाने की नज़रो में चलते थे सर उठा कर
हमारी एक भूल ने हमेशा के लिए हमारा सर झुका दी
मुझे याद है वो बारिश जो बेहतहशा बरश तो रही थी
पर उसका बरसना बेढंग सा लग रहा था
फिर नज़र पड़ी थी मेरी तुझ पर तेरे रुख्सार से लिपट कर
तेरे जुल्फों से सरक कर बूंदों का टपकना
बारिश ने भी ये देख कर अपनी अदा बदल डाली
इन हवाओं का तो पता नही “अंसारी” किसका साथ दे रही है
न तेरे बदन की खुशबू लाती है
न मेरे पैगाम तुझ तक भी नही पहुचाती
शायद इसने भी ज़माने की तरह रुख मोड़ लिया हमसे
लोग शायद ये समझते है मुहब्बत में मुलाकाते जरूरी है
पर मेरी मुहब्बत चंद मुलाकातों की मोहताज नही थी कभी भी
रूहानी मुहब्बतों का अंदाज़ ही कुछ ऐसा होता है
दूर कहीं लैला होती है मजनू कहीं भटकता है
वो समझती है कि वो हमें धोका दे के कामयाब हो गए “अंसारी”
पर उन्हें क्या पता धोका खाने से हमारा कुछ नही जाता
बस एक सच्चा रिस्ता जो तेरे मेरे दरमियां था
अब वो कहीं दूर तलक भी नज़र नही आता
दुनिया समझती है कि दबदबा हुकूमते दौलत का नशा और ताकत
ये सब हो तो सबसे कामयाब है
पर मैंने देखा है मकानों को वैसा ही जैसे वो पहले थे
फर्क सिर्फ इतना है कि किराएदार वक़्त बे वक़्त बदलते रहे।
मैंने खुद का वजूद मिटाया है ताकि उसके वजूद को लोग भूल न जाये
मेरे खुद को मिटाने का अंदाज़ कुछ ऐसा था कि लोग उसे भुलाए नही भूलते ‘”अंसारी”
उसके रुख्सार पे तो देखो किस कदर खुशी छाई है
तेरे इश्क़ की खुमारी किस कदर छाई है।
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Md Danish Ansari
पहला और दूसरा ऊपर से बस बाकी सब मर्यादित है।
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पहले सोचा नहीं बताऊँ पर औरत को अपना केयर करना पडता है इसलिए बताकर शब्दों के दिए घाव पर मरहम भी खुद ही लगा लिया। वैसे मुझसे पूछा आपने तब डा. भी आप ही बन गये। चलिए सुधार करने लीजिए। पश्चिमी समयानुसार सवा 12बज गया गुड मॉर्निंग हो गयी और भारतीय समयानुसार सूरज नहीं निकला है इस लिए शुभ रात्री हो गई मेरी। गुड नाइट। धन्यवाद।
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*खुद करना
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शुभ रात्रि
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सुप्रभात सूरज निकल गया है। काम में लगना चाहिए। बहुत समय दिया है अपना लिखना छोड़कर रिजल्ट नहीं आया। यानी सुधार नहीं हुआ मैंने टीचर की तरह सुबह सुबह। अब तस्वीर हटवाई है तो गाना डालने का सजेसन दुंगी। वो पुराने गीत है पर सुनकर मन झूम उठेगा
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आप लोग नये जनरेशन के हैं नये तकनीक से अवगत होंगे। मैं यू ट् पे सुनती हूँ। डाउनलोड भी कर लेती हूँ पर ब्लॉग पे नहीं विडियो डाल पाती। मैं किसी को फालो कर रही थी विडियो भी पड़ा था तब से आइडिया दिमाग में था सोचा आप को बता दूँ। आपके बारीश एडिसन के लिए एक गाना सूट करेगा शायद मशाल फिल्म का गाना है। जिसमें बारिश का भी सीन है। सर्च करने के लिए इसके बोल लिखती हूँ__
मुझे तुम याद करना और मुझको याद आना तुम मैं एक दिन लौट के आऊंगा – – – – – -। मुझे नाश्ता बनाना है – ————–।
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इस लिए बाद में – – – – – – – – -। और रिजल्ट आने के बाद आज के लिए इतना ही काफी है। मैने पहली बार किसी ब्लॉग को समय दिया है इसका कारण है विचारों का मेल।
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sukriya
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hahaha thik hai main koshish karta hun
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mujhe kuch samajh me hi nahi aaya
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अब मुझे उम्मीद है की सब ठीक हो गया है
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शायरी में सुरूर झलकता है ।
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sukriya avdhesh ji
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Thank you
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Welcome
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मेरी कुछ शायरीनुमा रचनाये देखे ।
शायद पसंद आये
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ji bilkul
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Sure
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bilkul
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